Vertul Singh
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वर्तुल सिंह
उपन्यास एक गूना बेख़ुदी, कहानी सितारों में डालती हूँ कमन्द, बफलियाज़ की कनीज़ तथा चर्चित पुस्तक भोपालनामा के लेखक वर्तुल सिंह का जन्म बनारस में हुआ। पेशे से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वर्तुल सिंह की शुरू से ही गहरी रुचि सिनेमा, साहित्य, संस्कृति और संगीत में रही है। आपने मार्ख़ेज़ की नाबो का अनुवाद भी किया। दर्जनों आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। टीवी के लिए कुछ पौराणिक धारावाहिकों के संवाद भी लिखे। इसी कड़ी में आपके द्वारा प्रस्तुत है सैयद हैदर रज़ा तथा उनके आत्मीय मित्रों के पत्रों की पुस्तक ‘गीज़र्स’ का हिन्दी अनुवाद।
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