Laotse

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लाओत्से

लेखक के विषय में प्रामाणिक ऐतिहासिक सूचनाएँ उपलब्ध नहीं हैं। कुछ किंवदन्तियाँ अवश्य प्रचलित हैं। यह लगभग सर्वमान्य है कि लाओत्से मिथक नहीं वरन् सशरीर थे। उनका जन्म चीन के होयान प्रान्त में ईसा से लगभग छह सौ वर्ष पूर्व हुआ। कथा यह भी कहती है कि कनफ्यूसियस लाओत्से से मिलने आया था। वह लाओत्से की प्रतिभा से अचम्भित और प्रभावित हुआ।

कथा यह भी बताती है कि लाओत्से लोमांग की राजधानी के राजकीय अभिलेखागार का संरक्षक था। सामाजिक मूल्यों के सुज्ञात पतन से क्षुब्ध हो वह समाज को त्याग रेगिस्तान की ओर चले गए। हानकू दर्रे पर उन्हें यिन-शी नामक सीमा रक्षक ने रोका, जो लाओत्से के लौकिक-अलौकिक ज्ञान की ख्याति से परिचित था। यिन-शी ने लाओत्से को अपनी दीक्षा लिपिबद्ध करने के लिए बाध्य किया। परिणामस्वरूप ताओ-ते-छिङ अस्तित्व में आई।

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