Devisharan

1 Books

देवीशरण ग्रामीण

मध्य प्रदेश के सतना जिले के गाँव बाबूपुर में 28 दिसम्बर, 1932 को जन्मे देवीशरण सिंह आजीवन प्रगतिशील विचारों के प्रचार-प्रसार में लगे रहे। प्रगतिशील विचारधारा से जुड़ने के बाद उन्होंने अपना उपनाम ‘ग्रामीण’ रख लिया था। उन्होंने हिन्दी और बघेली, दोनों भाषाओं में कविता, कहानी और निबन्ध सहित कई अन्य विधाओं में भी लेखन किया और बघेलखंड का प्रतिनिधि स्वर बन गए। आजीविका के लिए उन्होंने शिक्षक के रूप में कार्य किया लेकिन कभी किसानी नहीं छोड़ी।

दैनिक ‘देशबन्धु’, सतना में उनका स्तम्भ ‘गाँवनामा’ कई वर्षों तक प्रकाशित हुआ और खासा लोकप्रिय रहा। वे जीवन-भर प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़े रहे। कुछ वर्षों तक मध्य प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष मंडल में रहे।

उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं—‘गाँवों की धूल से’ (कहानी-संग्रह), ‘धूलध्वनि’ (कविता-संग्रह), ‘प्रस्थान’ (गीत-संग्रह), ‘महँगाई’ (एकांकी-संग्रह), ‘आल्हा ऊदल’ (लोक-आख्यान), ‘गाँवनामा’ और ‘हम और हमारा स्वराज्य’ (निबन्ध-संग्रह)।

उन्हें नेशनल बुक ट्रस्ट के ‘राष्ट्रीय भाषा सम्मान’, मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के ‘वागीश्वरी पुरस्कार’, ‘भगवान दास सफड़िया साहित्य सेवी सम्मान’ और ‘बघेली भाषा सम्मान’ सहित अनेक सम्मानों से सम्मानित किया गया।

22 अक्टूबर, 2018 को उनका निधन हुआ।

All Devisharan Books
All Right Reserved © 2025 indiaread.in